वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक, किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं। - आचार्य श्रीराम शर्मा
कृपया दायीं तरफ दिए गए 'हमारे प्रशंसक' लिंक पर क्लिक करके 'अपनी हिंदी' के सदस्य बनें और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दें। सदस्यता निशुल्क है।
आजादी के ठीक पहले सांप्रदायिकता की बैसाखियाँ लगाकर पाशविकता का जो नंगा नाच इस देश में नाचा गया था, उसका अंतरग चित्रण भीष्म साहनी ने इस उपन्यास में किया है।
आजादी से पहले विदेशी शासकों ने यहाँ की जमीन पर अपने पाँव मजबूत करने के लिए इस समस्या को हथकंडा बनाया था और आजादी के बाद हमारे देश के कुछ राजनीतिक दल इसका घृणित उपयोग कर रहे हैं।
काल-विस्तार की दृष्टि से यह केवल पाँच दिनों की कहानी है, जिसे लेखक ने इस खूबी के साथ चुना है कि सांप्रदायिकता का हर पहलू तार-तार उद्घाटित हो जाता है और पाठक सारा उपन्यास एक साँस में पढ़ जाने के लिए विवश हो जाता है।
भारत में साम्प्रदायिकता की समस्या एक युग पुरानी है और इसके दानवी पंजों से अभी तक इस देश की मुक्ति नहीं हुई है। आजादी से पहले विदेशी शासकों ने यहाँ की जमीन पर अपने पाँव मजबूत करने के लिए इस समस्या को हथकंडा बनाया था और आजादी के बाद हमारे देश के कुछ राजनीतिक दल इसका घृणित उपयोग कर रहे हैं। और इस सारी प्रक्रिया में जो तबाही हुई है उसका शिकार बनते रहे हैं वे निर्दोष और गरीब लोग जो न हिन्दू हैं, न मुसलमान बल्कि सिर्फ इन्सान हैं, और हैं भारतीय नागरिक।
भीष्म साहनी ने आजादी से पहले हुए साम्प्रदायिक दंगों को आधार बनाकर इस समस्या का सूक्ष्म विश्लेषण किया है और उन मनोवृत्तियों को उघाड़कर सामने रखा है जो अपनी विकृतियों का परिणाम जनसाधारण को भोगने के लिए विवश करती हैं।
डाउनलोड लिंक :
(निम्न में से कोई भी एक क्लिक करें . अगर कोई लिंक काम नहीं कर रहा है तो अन्य लिंक प्रयोग करके देखें.
डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो या डाउनलोड करना नहीं आता तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
SendMyWay:
Click here
DepositFiles:
Click Here
2Shared:
Click Here
RapidShare:
Click Here
Ziddu:
Click Here
Multi-Mirror Download Link:
Click Here
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
अगर आपको ये पुस्तक पसंद आई हो तो इसे नीचे दिए गए लिंक से फेसबुक पर लाइक करें!
[
Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories,
Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Nandlal Bharti Books free downlaod, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e
books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Premchand ghar mein free hindi book download]
पूरा लेख पढ़ें ...
अकबर इलाहाबादी ने हास्य और व्यंग्य के माध्यम से सामजिक बदलाव पर अपनी पैनी दृष्टि डाली और शायारी को व्यंग्य से गुदगुदाते अनोखे व्यंग्यात्मक अंदाज़ में लाखों लोगों के दिलों तक पहुँचाया।
उनका व्यंग्य एक निखारा हुआ उच्च कोटि का साफ़-सुथरा व्यंग्य था जो वर्षों वाद आज भी उतना ही चुटीला है, जितना उनके जमाने में था।अकबर इलाहाबादी के पास दूर तक देखने की दृष्टि थी और उसे शब्दों में पिरोने का अनोखा अंदाज़ था।
जबान की पकड़ और विभिन्न सामाजिक पहलुओं की परख, व्यंग्य के माध्यम से इन दोनों का जो संतुलन अकबर की शायरी में सामने आती है, वो अपने आप में ही एक पूरी तालीम है।
वह अदालत में एक छोटे मुलाजिम थे, लेकिन बाद में कानून का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया और सेशन जज के रूप में रिटायर हुए।
अकबर इलाहाबादी विद्रोही स्वभाव के थे। वे रूढ़िवादिता एवं धार्मिक ढोंग के सख्त खिलाफ थे और अपने शेरों में ऐसी प्रवृत्तियों पर तीखा व्यंग्य (तंज) करते थे। उन्होंने 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम देखा था और फिर गांधीजी के नेतृत्व में छिड़े स्वाधीनता आंदोलन के भी गवाह रहे। उनका असली नाम सैयद हुसैन था।
उनका जन्म 16 नवंबर, 1846 में इलाहाबाद में हुआ था। वह अदालत में एक छोटे मुलाजिम थे, लेकिन बाद में कानून का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया और सेशन जज के रूप में रिटायर हुए। इलाहाबाद में ही 9 सितंबर, 1921 को उनकी मृत्यु हो गई।
मयखाना-ए-रिफार्म की चिकनीजमीन पर
वाइज का खानदान भी आखिर फिसल गया
कैसी नमाज, बार में नाचो जनाबशेख
तुमको खबर नहीं जमाना बदल गया
फाइल का आकार: २ Mb
डाउनलोड लिंक :
(निम्न में से कोई भी एक क्लिक करें . अगर कोई लिंक काम नहीं कर रहा है तो अन्य लिंक प्रयोग करके देखें.
डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो या डाउनलोड करना नहीं आता तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
SendMyWay:
Click here
DepositFiles:
Click Here
2Shared:
Click Here
PutLocker:
Click Here
Ziddu:
Click Here
Multi-Mirror Download Link:
Click Here
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
अगर आपको ये पुस्तक पसंद आई हो तो इसे नीचे दिए गए लिंक से फेसबुक पर लाइक करें!
[
Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories,
Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Nandlal Bharti Books free downlaod, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e
books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Premchand ghar mein free hindi book download]
पूरा लेख पढ़ें ...
कालिदास संस्कृत साहित्य के सबसे बड़े कवि हैं। उन्होंने तीन काव्य और तीन नाटक लिखे हैं। उनके ये काव्य रघुवंश, कुमारसम्भव और मेघदूत हैं और नाटक
अभिज्ञान शाकुन्तल, मालविकाग्निमित्र और विक्रमोर्वशीय हैं। इनके अतिरिक्त ऋतुसंहार भी कालिदास का ही लिखा हुआ कहा जाता है।
कालिदास संस्कृत साहित्य के सबसे बड़े कवि हैं। उन्होंने तीन काव्य और तीन नाटक लिखे हैं।
इतना ही नहीं, लगभग पैंतीस अन्य पुस्तकें भी कालिदास-रचित कही जाती हैं। ये सब रचनाएँ कालिदास के काव्य-सौन्दर्य पर एक दृष्टिपात भर करने लगे हैं। इन तीन नाटकों और तीन काव्यों को तो असंदिग्ध रूप से कालिदास-रचित ही माना जाता है।
प्रस्तुत पुस्तक का संस्कृत से हिंदी अनुवाद महान नाटककार 'मोहन राकेश' ने किया है ।
फाइल का आकार: 9 Mb
डाउनलोड लिंक :
(निम्न में से कोई भी एक क्लिक करें . अगर कोई लिंक काम नहीं कर रहा है तो अन्य लिंक प्रयोग करके देखें.
डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो या डाउनलोड करना नहीं आता तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
SendMyWay:
Click here
DepositFiles:
Click Here
2Shared:
Click Here
PutLocker:
Click Here
Ziddu:
Click Here
Multi-Mirror Download Link:
Click Here
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
अगर आपको ये पुस्तक पसंद आई हो तो इसे नीचे दिए गए लिंक से फेसबुक पर लाइक करें!
[
Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories,
Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Nandlal Bharti Books free downlaod, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e
books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Premchand ghar mein free hindi book download]
पूरा लेख पढ़ें ...
ये किस्से बताते हैं कि जिंदगी में आई अनचाही मुसीबतों का सामना कैसे करना चाहिए। भारतीय इतिहास और साहित्य में अनेक ऐसी विशिष्ट प्रतिभाओं का उल्लेख है, जिन्होंने अपनी बुद्धि, चतुराई और प्रत्युत्पन्नमति का परिचय देते हुए, अपने ज्ञान का सिक्का जमाया है।
दक्षिण में तेनालीराम और उत्तर भारत में बीरबल ऐसे ही प्रतिभासंपन्न पुरुष हुए हैं, जिनके किस्से और कहानियाँ अत्यधिक प्रसिद्ध हैं और वे हमें बरबस सोचने और उसके बाद हँसने पर विवश कर देते हैं।
कई बार तो तेनालीराम और बीरबल के किस्से परस्पर इतने मिल गए हैं कि हमें आभास ही नहीं होता कि वास्तव में ये किससे संबंधित हैं।
बादशाह अकबर के दरबार के रत्न बीरबल अत्यधिक व्यवहार-कुशल ईमानदार और विवेकबुद्धि से संपन्न इंसान थे, अपनी बुद्धि के बल पर उन्होंने अकबर बादशाह के दरबार में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। उनके ज्ञान और प्राप्त सम्मान के कारण अन्य दरबारी उनसे ईर्ष्या करते थे और अनेक बार उन्हें नीचा भी दिखाने का प्रयास भी करते थे, किंतु बीरबल अपनी हाज़िरजवाबी तथा प्रवीणता के कारण बार-बार उनके प्रहारों से बच निकलते थे।
ऐसा कहा जाता है कि कई बार बीरबल की अनुपस्थिति से दरबार सूना-सूना लगता था और बादशाह अकबर भी उदास हो जाते थे।
इन्हीं बीरबल की हाज़िरजवाबी का एक उदाहरण है प्रस्तुत पुस्तक, जिसमें बीरबल ने विभिन्न अवसरों पर अनेक समस्याओं को भी हल किया है ।
डाउनलोड लिंक :
(निम्न में से कोई भी एक क्लिक करें . अगर कोई लिंक काम नहीं कर रहा है तो अन्य लिंक प्रयोग करके देखें.
डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो या डाउनलोड करना नहीं आता तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
SendMyWay:
Click here
DepositFiles:
Click Here
2Shared:
Click Here
PutLocker:
Click Here
Ziddu:
Click Here
Multi-Mirror Download Link:
Click Here
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
अगर आपको ये पुस्तक पसंद आई हो तो इसे नीचे दिए गए लिंक से फेसबुक पर लाइक करें!
[
Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories,
Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Nandlal Bharti Books free downlaod, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e
books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Premchand ghar mein free hindi book download]
पूरा लेख पढ़ें ...
श्री जवाहर लाल नेहरु की पुस्तक 'आँखों देखा रूस' में नेहरु जी की रूस यात्रा का वर्णन है ।
रूस पूर्वी यूरोप और उत्तर एशिया में स्थित एक विशाल आकार वाला देश। कुल १,७०,७५,४०० किमी के साथ यह विश्व का सब्से बड़ा देश है। आकार की दृष्टि से यह भारत से पाँच गुणा से भी अधिक है। इतना विशाल देश होने के बाद भी रूस की जनसंख्या विश्व में सातवें स्थान पर है जिसके कारण रूस का जनसंख्या घनत्व विश्व में सब्से कम में से है। रूस की अधिकान्श जनसंख्या इसके यूरोपीय भाग में बसी हुई है। इसकी राजधानी मॉस्को है। रूस की मुख्य और राजभाषा रूसी है।
यह पुस्तक मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में 'Soviet Russia ' के नाम से प्रकाशित हुई थी । इसका हिंदी अनुवाद यहाँ प्रस्तुत किया जा रहा है ।
नेहरु जी ने इस पुस्तक में अपनी रूस यात्रा का वर्णन किया है । इस पुस्तक को पढ़कर आपको रूस के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा । यह पुस्तक पढने में रोचक और ज्ञानवर्धक है।
अवश्य पढ़ें ।
फाइल का आकार: 5 Mb
डाउनलोड लिंक :
(निम्न में से कोई भी एक क्लिक करें . अगर कोई लिंक काम नहीं कर रहा है तो अन्य लिंक प्रयोग करके देखें.
डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो या डाउनलोड करना नहीं आता तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
SendMyWay:
Click here
DepositFiles:
Click Here
2Shared:
Click Here
PutLocker:
Click Here
Ziddu:
Click Here
Multi-Mirror Download Link:
Click Here
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
अगर आपको ये पुस्तक पसंद आई हो तो इसे नीचे दिए गए लिंक से फेसबुक पर लाइक करें!
[
Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories,
Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Nandlal Bharti Books free downlaod, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e
books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Premchand ghar mein free hindi book download]
पूरा लेख पढ़ें ...