
'बापू के पत्र' पुस्तक में महात्मा गाँधी के उन दुर्लभ पत्रों का संग्रह है जो उन्होंने आश्रम की बहनों के नाम लिखे थे.
महात्मा गाँधी बीसवीं सदी के सबसे अधिक प्रभावशाली व्यक्ति हैं; जिनकी अप्रत्यक्ष उपस्थिति उनकी मृत्यु के साठ वर्ष बाद भी पूरे देश पर देखी जा सकती है। उन्होंने भारत की कल्पना की और उसके लिए कठिन संघर्ष किया। स्वाधीनता से उनका अर्थ केवल ब्रिटिश राज से मुक्ति का नहीं था बल्कि वह गरीबी, निरक्षरता और अस्पृश्यता जैसी बुराइयों से मुक्ति का सपना देखते थे। वह चाहते थे कि देश के सारे नागरिक समान रूप से आज़ादी और समृद्धि का सुख पा सकें।
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1 टिप्पणियां:
दुर्लभ संग्रह उपलब्ध कराया है आपने, इसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं।
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