
वास्तु शास्त्र घर, प्रासाद, अथवा मन्दिर निर्माण करने का शास्त्र है जिसे आर्किटेक्चर कहते हैं।
वास्तु का शाब्दिक अर्थ है 'वास' अर्थात् वह स्थान जहां पर निवास होता है। इस सृष्टि की संरचना में पंचतत्व (अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाष) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं तो भवन निर्माण करते समय में भी इनकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता।
प्रस्तुत पुस्तक में 'वास्तु' से संबंधित समस्त महत्वपूर्ण जानकारी का उल्लेख है ।
यह पुस्तक हमें श्री रवि चोपड़ा ने जालंधर से भेजी है।
अवश्य पढ़ें।
फाइल का आकार: ५ mb
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4 टिप्पणियां:
download link of this book is not working. plz provide us the correct link
thanks
aapki link work nhi kar rhi
आज तक आपकी एक भी किताब लोड नहीं कर पाए है ,सभी खोज - बीन कर चुके है ,और इस चक्कर में न जाने क्या - क्या लोड हो गया .....कृपया एक बार खुद कोशिश जरुर करे , कामयाबी मिले तो जरुर बताएं .....
Bhai, maine to download kar li
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