'मेरे भारत, मेरे स्वदेश' श्री गुलाब खण्डेलवाल की रचना है जिसमे देशभक्ति के गीत एवं दोहे दिए गए है। इसकी रचना १९६२ में की गयी थी ।
आजकल कवि गुलाब अंतर्राष्ट्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष है ।
महाकवि गुलाब खंडेलवाल (Gulab Khandelwal) का जन्म अपने ननिहाल राजस्थान के शेखावाटी प्रदेश के नवलगढ़ नगर में २१ फरवरी सन् १९२४ ई। को हुआ था।
महाकवि गुलाब खंडेलवाल की कुछ पुस्तकें महाविद्यालयों के शिक्षण-पाठ्यक्रमों में भी रह चुकी हैं जो इस प्रकार हैं -
१. ’आलोक-वृत्त’- खंडकाव्य- १९७६ से उत्तर प्रदेश में इंटरमीडिएट बोर्ड में पाठ्यक्रम में स्वीकृत है.२. ’उषा’- महाकाव्य - मगध विश्वविद्यालय के बी.ए. के पाठ्यक्रम में १९६८ से कई वर्षों तक रहा.
३. ’कच-देवयानी’-खंडकाव्य- मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. कोर्स में था.
४. ’आलोक-वृत्त’-खंडकाव्य- १९७६ से मगध विश्वविद्यालय के बी. ए. के कोर्स में था.
महादेवी वर्मा ने एक बार अफ़सोस जताते हुये कहा, "आपके साथ हिन्दीवालों ने न्याय नहीं किया!" उनके काव्य-पाठ को सुनकर वे बोलीं, "मेरे आँखों के सम्मुख एक-एक कर चित्र आते जा रहे थे." स्पष्टतः उनका संकेत गुलाबजी के काव्य की बिम्बात्मकता की ओर था.
"आपका ’बलि-निर्वास’ खूब है। मैंने और पंतजी ने उसे अत्यन्त चाव से पढ़ा है। हम दोनों आपके परम प्रशंसक हैं."- हरिवंश राय बच्चन
"भाव और भाषा का इतना सुन्दर सामन्जस्य कदाचित ही हिन्दी के किसी कवि ने इस अवस्था में ऐसा किया हो." - श्री बेढब बनारसी
फाइल का आकार: ५ Mb
डाउनलोड लिंक (Multi-Mirrors):
कृपया यहाँ क्लिक करें
या
Megaupload.com से डाउनलोड करें (Recommended):
कृपया यहाँ क्लिक करें
(डाउनलोड करने में कोई परेशानी हो तो कृपया यहाँ क्लिक करें)
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book , Gulab Khandelwal ]
1 टिप्पणियां:
अभी तक नहीं पढ़ा है, अब पढ़ते हैं।
टिप्पणी पोस्ट करें
आपकी टिप्पणियां हमारी अमूल्य धरोहर है। कृपया अपनी टिप्पणियां देकर हमें कृतार्थ करें ।