
'अपनी हिंदी' के पाठकों के लिए प्रस्तुत है - विश्व प्रसिद्ध पुस्तक 'मनु स्मृति' । यह पुस्तक संस्कृत में है और साथ में हिंदी अनुवाद दिया गया है।
मनुस्मृति सबसे प्राचीन और प्रमाणित मानी गयी है, जिसकी रचना शुंग काल में हुई थी । यह ग्रन्थ शुंगकालीन भारत की राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक दशा का बोध कराता है।
इसके इतने संस्करण प्रकाशित हुए कि उनका नाम देना सम्भव नहीं है। इस ग्रंथ में निर्णयसागर के संस्करण एवं कुल्लूकभट्ट की टीका का उपयोग हुआ है। मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद कई बार हो चुका है।
भारतीय पंरपरा में मनुस्मृति को (जो मानव-धर्म-शास्त्र, मनुसंहिता आदि नामों से प्रसिद्ध है) प्राचीनतम स्मृति एवं प्रमाणभूत शास्त्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। धर्मशास्त्रीय ग्रंथकारों के अतिरिक्त शंकराचार्य, शबरस्वामी जैसे दार्शनिक भी प्रमाणरूपेण इस ग्रंथ को उद्धृत करते हैं।
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इसके इतने संस्करण प्रकाशित हुए कि उनका नाम देना सम्भव नहीं है। इस ग्रंथ में निर्णयसागर के संस्करण एवं कुल्लूकभट्ट की टीका का उपयोग हुआ है। मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद कई बार हो चुका है।
परंपरानुसार यह स्मृति स्वायंभुव मनु द्वारा रचित है, वैवस्वत मनु या प्राचनेस मनु द्वारा नहीं। मनुस्मृति से यह भी पता चलता है कि स्वायंभुव मनु के मूलशास्त्र का आश्रय कर भृगु ने उस स्मृति का उपवृंहण किया था, जो प्रचलित मनुस्मृति के नाम से प्रसिद्ध है। इस भार्गवीया मनुस्मृति की तरह नारदीया मनुस्मृति भी प्रचलित है।
मनुस्मृति’ वह धर्मशास्त्र है जिसकी मान्यता जगविख्यात है। न केवल देश में अपितु विदेश में भी इसके प्रमाणों के आधार पर निर्णय होते रहे हैं और आज भी होते हैं। अतः धर्मशास्त्र के रूप में मनुस्मृति को विश्व की अमूल्य निधि माना जाता है। उसके उपरान्त इसके इतने संस्करण प्रकाशित हुए कि उनका नाम देना सम्भव नहीं है। इस ग्रंथ में निर्णयसागर के संस्करण एवं कुल्लूकभट्ट की टीका का उपयोग हुआ है। मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद कई बार हो चुका है।
भारत में वेदों के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन ‘मनुस्मृति’ का ही है। इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, सोलह संस्कारों तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव है यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है। मनु महाराज के जीवन और उनके रचनाकाल के विषय में इतिहास-पुराण स्पष्ट नहीं हैं। तथापि सभी एक स्वर से स्वीकार करते हैं कि मनु आदिपुरुष थे और उनका यह शास्त्र आदिःशास्त्र है। क्योंकि मनु की समस्त मान्यताएँ सत्य होने के साथ-साथ देश, काल तथा जाति बन्धनों से रहित है।
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33 टिप्पणियां:
बहुत ही दुर्लभ किताब है इस किताब के लिए धन्यबाद
this file dose not exist bata raha hai
लिंक अपडेट कर दिया गया है .
- Admin
divide and rule policy अंग्रेजो की नहीं बल्कि इस(चातुर वर्ण व्यवस्था ) मनुस्मृति की है यह पढ़कर पता चलता है .
I am agree with benami
nikal nhi rahi kitab
मुझे बिहारी कृत "बिहारी सतसई " डाउनलोड करना है कृपया मेरी सहायता कीजिय मेरा मेल है- dajnir2@gmail.com
Good effort bandhoo. Keep it up.
ITS A GOOD
This is a very importent for knnowing ancient-Indian society and laws.
down loading is blocked
dawnlod nahi hota ha ttha espe recar ke bare me batey
NYA LINK DENE KA KASHT KAREN DOWNLOAD NAHIN HO RHA HAI
लिंक काम नहीं कर रहे हैं
Nai ho rha hai download
लिंक काम नहीं कर रहा है कृपया मुझे किताब मेल कर दीजिए धन्यवाद। E-mail : durgesh4055@gmail.com
कृप्या जल्दी भिजवाये, धन्यवाद।
need dev samhita mail me at dkdhaka@gmail.com
कोई भी लिंक काम नहीं कर रहा ये सूचना दे रहा है "This website/URL has been blocked until further notice either pursuant to Court orders or on the Directions issued by the Department of Telecommunications" कृपया इस पते पर भेजे। amr.mishra@gmail.com
sare link block hain...deptt of telecom
NYA LINK DENE KA KASHT KAREN DOWNLOAD NAHIN HO RHA HAI
राजस्थान का इतिहास डाऊनलोड नही हो रहा है
इमेल से भेजे।
यात्रा अनुभवो की रचनाये भेजे।
link kam nahi kar raha hai please es emailid pe book send kare anupkumarshukla20@gmail.com
kripaya mere e mail par ye kitab bhej den
Link is not Working so please email me on uday59@live.com
NO LINK ALLOW TO DOWNLOAD WHAT A RUBBISH SERVICE YOU PEOPLE ARE PROVIDING.
plz koi download link de diziye
Download Link is not working...........
pk.sirohee@gmail.com
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