वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक, किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं। - आचार्य श्रीराम शर्मा
कृपया दायीं तरफ दिए गए 'हमारे प्रशंसक' लिंक पर क्लिक करके 'अपनी हिंदी' के सदस्य बनें और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दें। सदस्यता निशुल्क है।

'ज्योति-पुंज' एक महाकाव्य है जो पंडित जवाहरलाल नेहरु एवं श्रीमती कमला नेहरु के जीवन पर आधारित है. इसकी रचना डॉ. श्रीमती प्रतिभा गर्ग ने की है.
नोट: इस फाइल का फॉर्मेट PDF न होकर DJVU है . इसे पढने के लिए आपको Free DJVU Reader डाउनलोड करना पड़ेगा जो इस पते पर मुफ्त उपलब्ध है:
फाइल का आकार:3 Mb
पृष्ठ: 142
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book ]
पूरा लेख पढ़ें ...
'अपनी हिंदी' परिवार की तरफ से गणतंत्र दिवस पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
पूरा लेख पढ़ें ...

आप सभी के लिए पेश है कविता संग्रह - 'भारत की नारी'। इसे श्रीमती शिवलंक गिरिजा जी ने लिखा है।
संग्रह की सभी कवितायेँ सुंदर और पढने योग्य है।
अवश्य पढ़ें।
नोट: इस फाइल का फॉर्मेट PDF न होकर DJVU है . इसे पढने के लिए आपको Free DJVU Reader डाउनलोड करना पड़ेगा जो इस पते पर मुफ्त उपलब्ध है:
फाइल का आकार: 635 KB
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book ]
पूरा लेख पढ़ें ...

'मेरी धरती:मेरे लोग' श्री शेषेन्द्र शर्मा का काव्य संग्रह है। श्री शेषेन्द्र शर्मा को आधुनिक तेलुगु का शीर्षस्थ कवि माना जाता है । हिंदी के पाठकों के लिए भी ये नाम कोई नया नहीं है। उनकी कई कृतियों का हिंदी में अनुवाद हो चूका है। कविताओं के अलावा इन्होने नाटक,निबंध,आलोचनाएं भी लिखी है।
नोट: इस फाइल का फॉर्मेट PDF न होकर DJVU है . इसे पढने के लिए आपको Free DJVU Reader डाउनलोड करना पड़ेगा जो इस पते पर मुफ्त उपलब्ध है:
फाइल का आकार: 3.6 Mb
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book ]
पूरा लेख पढ़ें ...

आप सभी के लिए प्रस्तुत है वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जीवनी । इसे पंडित नन्द कुमार देव शर्मा ने १९२३ में लिखा था ।
महाराणा प्रताप ने जिस वीरता, स्वाभिमान और त्यागमय जीवन को वरण किया, उसी ने उन्हें एक महान लोकनायक और वीर पुरुष के रूप में सदा-सदा के लिए भारतीय इतिहास में प्रतिष्ठित कर दिया है।
महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास में वीरता और राष्ट्रीय स्वाभिमान के पर्याय हैं। वे एक कठिन और उथल-पुथल भरे कालखण्ड में पैदा हुए थे, जब मुगलों की सत्ता समूचे भारत पर छाई हुई थी और मुगल सम्राट अकबर अपनी विशिष्ट कार्य शैली के कारण ‘महान’ कहा जा सकता है।
लेकिन महाराणा प्रताप उसकी ‘महानता’ के पीछे छिपी उसकी साम्राज्यवादी आकांक्षा के विरुद्ध थे, इसलिए उन्होंने उसकी अधीनता स्वीकार नहीं की। परिणामस्वरूप अकबर उसके विरुद्ध युद्ध में उतरा। इस प्रक्रिया में महाराणा प्रताप ने जिस वीरता, स्वाभिमान और त्यागमय जीवन को वरण किया, उसी ने उन्हें एक महान लोकनायक और वीर पुरुष के रूप में सदा-सदा के लिए भारतीय इतिहास में प्रतिष्ठित कर दिया है।
महाराणा प्रताप (९ मई, १५४०- १९ जनवरी, १५९७) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। हन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। इनका जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कँवर के घर हुआ था। १५७६ के हल्दीघाटी युद्ध में २०,००० राजपूतों को साथ लेकर राणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के ८०,००० की सेना का सामना किया। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया। उनके प्रिय अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। यह युद्ध तो केवल एक दिन चला परन्तु इसमें १७,००० लोग मारे गएँ। मेवाड़ को जीतने के लिये अकबर ने सभी प्रयास किये। महाराणा की हालत दिन-प्रतिदिन चिंतीत हुइ। २५,००० राजपूतों को १२ साल तक चले उतना अनुदान देकर भामा शा भी अमर हुआ।लोक में रहेंगे परलोक हु ल्हेंगे तोहू,
पत्ता भूली हेंगे कहा चेतक की चाकरी ||
में तो अधीन सब भांति सो तुम्हारे सदा एकलिंग,
तापे कहा फेर जयमत हवे नागारो दे ||
करनो तू चाहे कछु और नुकसान कर ,
धर्मराज ! मेरे घर एतो मत धारो दे ||
दीन होई बोलत हूँ पीछो जीयदान देहूं ,
करुना निधान नाथ ! अबके तो टारो दे ||
बार बार कहत प्रताप मेरे चेतक को ,
एरे करतार ! एक बार तो उधारो||
फाइल का आकार: 10 Mb
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book, Maharana Pratap Jeevani ]
पूरा लेख पढ़ें ...

पाठको की मांग पर इस बार 'अपनी हिंदी' में प्रस्तुत है - चतुर्वेदी संस्कृत-हिंदी शब्दकोश।
यह कोश श्री द्वारकाप्रसाद चतुर्वेदी द्वारा तैयार किया गया है।
संस्कृत (संस्कृतम्) भारत की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की हिन्द-आर्य उपशाखा में शामिल है। ये आदिम-हिन्द-यूरोपीय भाषा से बहुत अधिक मेल खाती है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, उड़िया, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, (नेपाली), आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में हिन्दू धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रन्थ लिखे गये हैं। आज भी हिन्दू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं।
उम्मीद है, पाठकों को इससे लाभ मिलेगा ।
फाइल का आकार: 31 Mb
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book ]
पूरा लेख पढ़ें ...

'साध्य और साधन' पुस्तक के लेखक श्री सुदर्शन सिंह 'चक्र' है
। इस पुस्तक में लेखक के उन लेखों का संग्रह है जो उन्होंने 'परमार्थ' पत्रिका के लिए लिखे थे
।
इसमें गुरुत्व, दीक्षा, भगवत्प्राप्ति इत्यादि विषयों का विवेचन किया गया है। साधना के सम्बन्ध में उठने वाले लगभग सभी प्रश्नों का समाधान किया गया है। पाठकों की सुविधा के लिए पुस्तक के Contents का संक्षिप्त Preview नीचे दिया जा रहा है।
यह पुस्तक हमें श्री विजय कुमार सिंह ने भेजी है जिसके लिए हम उनके बहुत आभारी है।
साधको और जिज्ञासुओ के लिए ये एक अनुपम पुस्तक है।
अवश्य पढ़ें।
Preview of Contents (1):
Preview of Contents (2):
फाइल का आकार: 1 Mb
डाउनलोड लिंक:
ये पुस्तक आपको कैसी लगी? कृपया अपनी टिप्पणियां अवश्य दें।
[ Keywords: Free hindi books, Free hindi ebooks, Free hindi stories, Hindi stories pdf, Hindi PDF Books, Hindi sahitya , Hindi kahani, Hindi e books, Hindi e book, free hindi novels, Hindi Text Book ]
पूरा लेख पढ़ें ...