
प्रस्तुत पुस्तिका में गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर के अमृत वचनों का संकलन है।
रवीन्द्रनाथ ठाकुर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। वे विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और भारतीय साहित्य के एकमात्र नोबल पुरस्कार विजेता हैं। बांग्ला साहित्य के माध्यम से भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नयी जान फूँकने वाले युगद्रष्टा थे। वे एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार सम्मानित व्यक्ति है। वे एकमात्र कावि हैं जिसकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं - भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
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4 टिप्पणियां:
Gurudev is great writer of India.
Kapil sahu-
Aapka dhanyavaad dene ke liye mere paas shabd nahi he...REally its a awesome website.
डाउनलोड लिंक नहीं काम
कर रहा है
apaki yah website sare hindustan ki mahatvapurna kitabo ka accha sankalan hai. mai iski prashansha karata hoon
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