

अक्सर शुभ अवसरों पर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सुंदरकांड का पाठ करने का महत्व माना गया है। ज्यादा परेशानी हो, कोई काम नहीं बन रहा हो, आत्मविश्वास की कमी हो या कोई और समस्या कई ज्योतिषी और संत भी लोगों को ऐसी स्थिति में सुंदरकांड का पाठ करने की राय देते हैं।
वास्तव में रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग है। संपूर्ण रामचरितमानस भगवान राम के गुणों और उनकी पुरुषार्थ से भरे हैं। सुंदरकांड एकमात्र ऐसा अध्याय है जो भक्त की विजय का कांड है। मनोवैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो यह आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति बढ़ाने वाला कांड है।
हनुमान जो कि जाति से वानर थे, वे समुद्र को लांघकर लंका पहुंच गए और वहां सीता की खोज की। लंका को जलाया और सीता का संदेश लेकर लौट आए। यह एक आम आदमी की जीत का कांड है, जो अपनी इच्छाशक्ति के बल पर इतना बड़ा चमत्कार कर सकता है। इसमें जीवन में सफलता के महत्वपूर्ण सूत्र भी हैं। इसलिए पूरी रामायण में सुंदरकांड को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि यह व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ाता है।
हनुमान चालीसा तुलसीदास की एक काव्यात्मक कृति है, जिसमें प्रभु राम के महान् भक्त हनुमान के गुणों एवं कार्यों का चालीस चौपाइयों में वर्णन है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवनपुत्र श्री हनुमान जी की सुन्दर स्तुति की गई है। इसमें बजरंग बली की भावपूर्ण वंदना तो है ही, श्रीराम का व्यक्तित्व भी सरल शब्दों में उकेरा गया है।
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7 टिप्पणियां:
bahut sunder. Jaari Rakhein.
please upload भागवत गीता....
भगवत गीता एवं सुन्दरकाण्ड अपलोड करें.
भगवत गीता एवं सुन्दरकाण्ड अपलोड करें.
krpya mujhe computer ki book hindi main dijiye
bahut achcha aap bahut achcha kaam kar rahe hai .........mai aap sab ko salute karta hun.....
so many links are dead like hotfile,rapidshare, multiuploads etc plz upload these book on 2share,ziddu.
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