'हीरे का हार' मोपांसा की एक प्रसिद्ध कहानी है। इसे लगभग हर भाषा में प्रकाशित किया जा चुका है।
यह एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी है । इसमें बताया गया है कि इंसान की एक छोटी सी नादानी उसे गहरी मुसीबत में डाल सकती है और उसकी सारी जिंदगी तबाह कर सकती है ।
प्रकृतिवादी विचारधारा से प्रभावित गाय दी मोपासां (Guy de Maupassant ) (५ अगस्त, १८५०- ६ जुलाई, १८९३), निर्विवाद रूप से फ्रांस के सबसे महान कथाकार हैं। वे जब ग्यारह वर्ष के थे तभी उनके माता-पिता अलग हो गए थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा धार्मिक स्कूलों में हुई जिससे उन्हें चिढ़ थी। उन्होंने फ्रांस और जर्मनी के युद्ध में भाग लिया, अलग अलग नौकरियाँ कीं और पत्रों में स्तंभ लिखे।
इनकी प्रथम कहानी संग्रह बाल ऑप फैट थी जिसके प्रकाशित होते ही ये प्रसिद्ध हो गए। १८८० से १८९१ तक का समय इनके जीवन का सबसे महत्पूर्ण काल था। इन ११ वर्षों में मोपांसा के लगभग ३०० कहानियाँ, ६ उपन्यास, ३ यात्रा संस्मरण एवं एक कविता संग्रह प्रकाशित हुए। युद्ध कृषक जीवन, स्त्री पुरुष संबंध, आभिजात्य वर्ग और मनुष्य की भावनात्मक समस्याएँ मोपासां की रचनाओं की विषय-वस्तु बने।
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2 टिप्पणियां:
abhi to jaankaari lekar jaa rahi hoon ,baad me padhne aaungi ,aapke paas adbhut sangrah hai ,man ko khushi hui dekhkar
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