
'मंगला' यशपाल जी की एक प्रसिद्ध कहानी है ।
यशपाल (३ दिसंबर १९०३ - २६ दिसंबर १९७६) का नाम आधुनिक हिन्दी साहित्य के कथाकारों में प्रमुख है। ये एक साथ ही क्रांतिकारी एवं लेखक दोनों रूपों में जाने जाते है। प्रेमचंद के बाद हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रगतिशील कथाकारों में इनका नाम लिया जाता है।
अपने विद्यार्थी जीवन से ही यशपाल क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़े, इसके परिणामस्वरुप लम्बी फरारी और जेल में व्यतीत करना पड़ा । इसके बाद इन्होने साहित्य को अपना जीवन बनाया, जो काम कभी इन्होने बंदूक के माध्यम से किया था, अब वही काम इन्होने बुलेटिन के माध्यम से जनजागरण का काम शुरु किया। यश पाल को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन १९७० में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
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4 टिप्पणियां:
bahut badhiya.
lage rahiye.
अनुपम, अद़भुद, अतुलनीय, अद्वितीय, निपुण, दक्ष, बढ़िया link
आपके ब्लाग पर प्रथम बार आया हॅू बहुत अच्छा लगा
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मुझे बेहद खुशी है कि इतने सारे प्रसिद्ध उपन्यासकारों की रचनाऐं आपने हमारे पढने के लिए मुहैया करवाईं हैं. मुझे इन्हें देखकर बौखलाहट सी हो रही है कि कौन सी पहले पढूं और कौन सी बाद में, मेरा बस चले तो हरेक उपन्यास को एकसाथ ही पढता जाऊं पर ऐसा होना नामुमकिन है. खैर आपको कोटिश: कोटिश: धन्यवाद. मेहरबानी करके इन उपन्यासों को हमारे मोबाइल पर पढने के काबिल भी बनाऐं, यानि हम इन किताबों को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर के पढ सकें ऐसा कोई ऐप्लिकेशन भी हमें प्रोवाइड करवाऐं
विधार्थी के जीवन मे इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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