
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (७ मार्च, १९११- ४ अप्रैल, १९८७) को प्रतिभासम्पन्न कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देनेवाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और सफल अध्यापक के रूप में जाना जाता है। इनका जन्म ७ मार्च १९११ को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के कुशीनगर नामक ऐतिहासिक स्थान में हुआ। बचपन लखनऊ, कश्मीर, बिहार और मद्रास में बीता। बी.एस.सी. करके अंग्रेजी में एम.ए. करते समय क्रांतिकारी आन्दोलन से जुड़कर फरार हुए और १९३० ई. के अन्त में पकड़ लिए गये। अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं। अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया। बहुआयामी व्यक्तित्व के एकान्तमुखी प्रखर कवि होने के साथ-साथ वे एक अच्छे फोटोग्राफर और सत्यान्वेषी पर्यटक भी थे।
प्रस्तुत पुस्तक में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के निजी निबंधों का संकलन है । ये पुस्तक लेखक के निजी जीवन पर रोशनी डालती है । इन्हें पढ़कर इस महान लेखक के बारे में बहुत सी जानकारियां मिलती है।
ये निबंध अज्ञेय ने समय-समय पर लिखे है जिन्हें बाद में पुस्तकाकार में प्रकाशित किया गया है।
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4 टिप्पणियां:
kya baat hai, aap to mere district se hain
great
agyeya hindi sahitya ke mahan baudhik sampada hain jo bavnao ke sagar ka sabse anmol moti bhi hain .....unhe salam
लिखी कागद कोरे - 'अज्ञेय', book is not available for download on the given link.
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