जल मनुष्य के लिए अमृत के समान है। अगर उचित विधि से प्रयोग किया जाए तो ये बहुत से रोगों को भी दूर करता है। जल के इन्ही रोगनाशक गुणों के बारे में प्रस्तुत है - जल द्वारा चिकित्सा ।
इस पुस्तक में जल के द्वारा बहुत से असाध्य रोगों का उपचार करने की विधि लिखी है। भाप स्नान, कटी स्नान आदि के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। हर मनुष्य को ये पुस्तक पढनी चाहिए । अवश्य पढ़ें।
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वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक, किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं। - आचार्य श्रीराम शर्मा

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सोमवार, 25 जनवरी 2010
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