
ये उपन्यास बंकिम चंद्र का दूसरा प्रकाशित उपन्यास था।
जब एक बड़े जमींदार के लड़के ने एक तांत्रिक की लड़की से प्रेम विवाह किया तो समाज में एक तूफ़ान उठ खड़ा हुआ। दुनिया से दूर रहकर जंगल में पली और बड़ी हुई वो लड़की क्या समाज में अपनी जगह बना सकी ? पढिये मन को झकझोर देने वाला ये उपन्यास जिसने बंकिम चंद्र को रातों-रात प्रसिद्ध कर दिया.
इस उपन्यास के लिए अनुरोध किया था:
अजमेर, राजस्थान से से इश्तियाक अहमद ने।
लुधियाना से अनिल गुप्ता ने ।
लखनऊ से संतोष शर्मा ने।
और टोरंटो(कनाडा) से परमजीत सिंह ने।
आप सभी को बधाई।
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hindilove
2 टिप्पणियां:
kripya vaushali ki nagarvadhu upload karne ka kast karein aur kosis karein ki jitni bhi sanklan upload kiyein jaayein wo mediafire link hon taki hamein download karne me aasani ho sake
passwors is wrong
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