

पेश है आप सभी के लिए तसलीमा नसरीन का उपन्यास: लज्जा । १९९३ में लिखा गया यह उपन्यास कई देशो में प्रतिबंधित है।
‘लज्जा’ बांग्लादेश की बहुचर्चित लेखिका तसलीमा नसरीन का पाँचवाँ उपन्यास है। इस उपन्यास ने न केवल बांग्लादेश में हलचल मचा दी है, बल्कि भारत में भी व्यापक उत्ताप की सृष्टि की है। यही वह उत्तेजक कृति है, जिसके लिए लेखिका को बांग्लादेश की कट्टरवादी साम्प्रदायिक ताकतों से सजा-ए-मौत की घोषणा की है। दिलचस्प यही है की सीमा के इस पार की साम्प्रादयिक ताकतों ने इसे ही सिर माथे लगाया। कारण ? क्योंकि यह उपन्यास बहुत ही शक्तिशाली ढंग से बांग्लादेश की हिन्दू विरोधी साम्प्रदायिकता पर प्रहार करता है और उस नरक का अत्यन्त मार्मिक चित्रण करता है जो एक लंबे अरसे से बांग्लादेशी हिन्दुओं की नियति बन चुका है। हमारे देश की हिन्दूवादी शक्तियों ने ‘लज्जा’ को मुस्लिम आक्रमकता के प्रमाण के रूप में पेश करना चाहा है, लेकिन वस्तुतः ‘लज्जा’ दुधारी तलवार है। यह मुस्लिम साम्प्रदायिकता पर जितनी तल्खी से आक्रमण करता है, उतनी ही तीव्रता से हिन्दू साम्प्रदायिकता की परतें भी उघाड़ता है। वस्तुतः यह पुस्तक साम्प्रदायिकता मात्र के विरुद्ध है और यही उसकी खूबसूरती है।
यह एक नये ढंग का उपन्यास है। कथा के साथ रिपोर्ताज और टिप्पणी का सिलसिला भी चलता रहता है। इसलिए यह हमें सिर्फ भिगोता नहीं, सोचने विचारने की पर्याप्त सामग्री भी मुहैया करता है। कहानी और तथ्य उपन्यास में भी उसी तरह घुले-मिले हुए हैं, जिस तरह कल्पना और यथार्थ जीवन में। आशा है, तसलीमा की यह विचारोत्तेजक कृति हिन्दी पाठक को न केवल एक नयी भूमि परिचित कराएगी, बल्कि उसे एक नया विचार संस्कार भी देगी।
तसलीमा नसरीन एक बांग्लादेशी लेखिका हैं जो नारीवाद से संबंधित विषयों पर अपनी प्रगतिशील विचारों के लिये चर्चित और विवादित रही हैं। बांग्लादेश में उनपर जारी फ़तवे की वजह से आजकल वे कोलकाता में निर्वासन की ज़िंदगी बिता रही हैं। हालांकि कोलकाता में विरोध के बाद उन्हें कुछ समय के लिये दिल्ली और उसके बाद फिर स्वीडन में भी समय बिताना पड़ा है लेकिन इसके बाद जनवरी २०१० में वे भारत लौट आईं।
उन्होंने भारत में स्थाई नागरिकता के लिये आवेदन किया है लेकिन भारत सरकार की ओर से उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
स्त्री के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए तसलीमा नसरीन ने बहुत कुछ खोया। अपना भरापूरा परिवार, दाम्पत्य, नौकरी सब दांव पर लगा दिया। उसकी पराकाष्ठा थी देश निकाला।
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23 टिप्पणियां:
please give me password
it is not downloadable..
Password is hindilove
डाउनलोड करने में कोई परेशानी नहीं है. कृपया व्यर्थ की टिप्पणियां न करें.
sir, main kaafi waqt se pareshan tha hindi books ko le kar. lekin aapke is prayaas ne mujhe woh saari books arrange kara di jo main kaafi samay se dhoond raha tha. main aapka dil se aabhaar prakat karta hoon.
Dhanyawad.
Atul sharma
AAPKA BAHUT BAHUT DHANYAWAD AAPNE IS WEBSITE KE MADHYAM SE HINDI SAHITYA KO BAHUT HI SUGAMTA KE SAATH PATHKO TAK PAHUNCHAYA HAI...
ISKE LIYE AAPKO TAHE DIL SE DHANYABAD
@NOOP
Dear Owner of Apnihindi.com
You are doing a great work for Hindi languages. I was unable to download many books in hindi, which is available in your website and very easy to download. Please let me know may i request you to upload my favourite book and how much time it will take to upload the same.
Thanks
Lokesh Shankhwar
maine aapki apnihindi.com se kai pustake download ki hai jo ki amulya hai iske liye apka dhanyavad
thanks to u .
मेरे पास अपना कंप्यूटर नहीं है। क्या कोई महानुभाव मुझे इस कहानी को डाउनलोड करके दे सकता है।
यहां की पुस्तके अब डाऊनलोड नहीं होती । यानी इस वेबसाइट में दी गयी कोई भी पुस्तक । कृपया इस बारे में कुछ बताऎं ।
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yeh book downlode nahi ho rahi hai kirpya help kare. santosh pareek jaipur
mai is upanyaasko bahut time se download kr k padhna chahti thi....parantu bahut prayason k baad bhi ye download nahi ho pa rahi hai...kripya koi anya tarika batayen....
mai pichhle 15 saal se lolita upnyaas ka hindi sanskaran dhudh raha hu aaj tak nahi mila aapke madhyam se miljaye aapki bahut kirpa hogi
koi book download naI HO PAA RAI HAY
Hindustan me Sabhi ko Sekhcha Free Kar Dene Chahiye,Jai Hind
Hindustan Or Hindi Ek Rhegi tabhi Hindustan Hindustan Rahega,Hume Sawraj se Ramrajye ko Lana hai,Jai Hind
लज्जा डाउनलोड नहीं हो रहा है , क्या बात है? जब कोई पुस्तक हटा दिया जाए तो सुचना देनी चाहिये, थैंक्स Anand
Namaskar ,,, koi to batao ki download kaise karni hai ,,,,, jab " download link" par click karte hai to ek page khulta hai adf.ly ka but 1 ghante bad bhi waha koi bhi link ya information nahi aati .... kewal address bar me ek url rehta hai " http://adf.ly/633927/http://www.megaupload.com/?d=FXB0VB2K " .... koi tareekA BATAYE
http://rapidshare.com/files/254053540/Lajja.zip
Password: hindilove
i just want to read lajja by taslima nasrin hindi eddtion
no any link is working please please koi to muje is ko download karne ka link de de
Book Download problem please solve it soon
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