
भला कौनसा भारतवासी होगा जिसने झाँसी की रानी कविता नही सुनी होगी !
एक ऐसी कविता जिसे सुनकर एक हिन्दुस्तानी का खून आज भी खौल उठता है। जो आज भी रगों में जोश भर देती है। ये कविता सुभद्रा जी की कलम से ही निकल सकती थी।
ऐसी ही कई कविताओं का संग्रह है ये पुस्तिका।
सुभद्रा कुमारी चौहान (१६ अगस्त १९०४-१५ फरवरी १९४८) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनका जन्म नागपंचमी के दिन इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में रामनाथसिंह के जमींदार परिवार में हुआ था। बाल्यकाल से ही वे कविताएँ रचने लगी थीं। उनकी रचनाएँ राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण हैं।[१] उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। ये राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं, किन्तु इन्होंने स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभुतियों को कहानी में भी व्यक्त किया। वातावरण चित्रण-प्रधान शैली की भाषा सरल तथा काव्यात्मक है, इस कारण इनकी रचना की सादगी हृदयग्राही है।
डाउनलोड लिंक:
लिंक
2 टिप्पणियां:
Subhadra kumari chauhan ki kavita download karne ke liye jo link diya gaya hai waha click karne par yah suchana de raha hai.(This webpage is not available)
टिप्पणी पोस्ट करें
आपकी टिप्पणियां हमारी अमूल्य धरोहर है। कृपया अपनी टिप्पणियां देकर हमें कृतार्थ करें ।